दामाद चला दिए राजस्व में राजनिति का बुल्डोजर
धमाका राजनीति जॉइन कर सकते है तहसीलदार मैहर सांसद गणेश सिंह के भतीजे नेता कोदू लाल पटेल जी के दामाद चला दिए राजस्व में राजनिति का बुल्डोजर
सतना से सुनील कुमार दाहिया
*मैहर पहुंचते ही नेताओं के इशारे में कर दिया धारा 250 का गलत आदेश तहसीलदार जितेंद्र पटेल*
*अनुबिभागिया अधिकारी राजस्व अपील धारा 52 भी कर दिए खारिज*
*बद्री दाहिया विरुद्ध अमोल चौधरी मामला धारा 250 का*
*निर्भीकता से कोई समझौता नहीं*
खबर/मैहर हम बात कर रहे है मैहर के मगरौरा पंचायत अंतर्गत रहवाशी अमोल चौधरी पिता कुमारे चौधरी की जहाँ उनकी पुस्तैनी आराजी है। इस भूमि में उनका पुश्तैनी मकान बना हुआ है बरसात के कारण वर्ष 2015 में बगल में लगे बांस की वजह से गिर गया था उसी जगह में मकान का निर्माण कर रहा हु कही पर भी घटाया और बढ़ाया नही गया है पी एम आवास योजना का मकान बना रहा था तभी बद्री दाहिया आया और अमोल चौधरी के विरूद्ध तहसीलदार जितेंद्र पटेल मैहर के समक्ष अवैध कब्जा वापस करें हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया और बिना सीमांकन के पहले ही स्थागन आदेश प्राप्त किया और गलत सीमांकन के आधार पर ही यह आवेदक अपने साथ संबंधित हल्का पटवारी से मिली भगत कर झूठा प्रतिवेदन मंगाकर तहसीलदार महोदय मैहर के समक्ष मौजूद हुआ और प्रकरण में बिना विचार किए ही प्रकरण की गंभीरता से परिशिलन न करते हुए आवेदक एवं अनावेदक के बिना गवाही हुए राजनैतिक दबाव के कारण पछीय फैसला कर दिया गया की अनावेदक ने गवाही नही दिया इसलिए एक पछिय कार्यवाही की जाती है जबकि आवेदक अपने विपक्ष पार्टी जैसा कि अनिल कुमार दाहिया पिता रंगलाल दाहिया मगरौरा को साक्ष करने का तहसीलदार महोदय मानवेंद्र सिंह जी उपस्थिति के निर्देश दिए लेकिन विपक्ष पार्टी आवेदक बद्री दहिया और उसका भतीजा अनिल कुमार दहिया के गवाह तहसील परिसर मैहर में मौजूद नहीं है ये उपस्थित हुए तब तक तहसीलदार महोदय मैहर मानवेंद्र सिंह जी मैहर से रवाना होकर दूसरे जगह स्थापित हो गए इसके बाद तहसीलदार महोदय जितेंद्र पटेल पहुंचे मैहर अमोल चौधरी के प्रकरण को गंभीरता से ना लेते हुए और बद्री दाहिया और अनिल कुमार दाहिया गवाहों को गवाही न लेते हुए अमोल चौधरी के अधिकारों का हनन करते हुए यह आदेश कर दिया कि आवेदक उपस्थित द्वारा प्रस्तुत प्रकरण आवेदक साक्षी हेतु नियत आवेदक व आवेदक साक्षी अनिल कुमार दाहिया पिता श्री रंगलाल दाहिया साकिन मंगरौरा तहसील मैहर के द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत प्रकरण अनावेदक साक्षी हेतु नियत किया गया किंतु अनावेदक साक्षी उपस्थित नहीं इसलिए एकपक्षी कार्यवाही की जाती है प्रकरण में आवेदक द्वारा जवाब प्रस्तुत कर उल्लेखित किया गया कि आवेदक का मकान आबादी भूमि पर बना हुआ है जो पैत्रक है यानी 100वर्ष पूर्व से बना है जिस पर पहले से ही अनावेदक परिवार सहित निवासरत है आवेदक द्वारा पूर्व से बने कच्चे मकान जो बरसात में क्षतिग्रस्त हो गया था आनावेदक द्वारा आवेदक की भूमि में कब्जा नहीं किया गया है इसलिए आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन खारिज किए जाने का अनुरोध किया गया आवेदक द्वारा ग्राम मगरौरा तहसील मैहर की आराजी 1032 रकवा 0.52 हेक्टेयर में आवेदक बद्री दाहिया स्वयं काबिज है उसी के बगल से अमोल चौधरी की अतरी है जो पहले से छूटी हुई है 15*3 यानी 45 वर्ग फुट भूमि जिससे पटवारी से मिलीभगत करते हुए गलत तरीके से सीमांकन किया जाकर झूठा प्रतिवेदन दिया गया है परीक्षेत्र सीमांकन रा, प्र क्रमांक 63/ए12/2022ए 23आदेश दिनाक 02/12/2022 जिसका निराकरण अमोल चौधरी द्वारा आपत्ति लगाने के बावजूद भी गलत तरीके से ही किया जा चुका है जिसमें यह दरसाया गया है की आनावेदक अमोल चौधरी पिता कुमारे का दबता रकवा पाया गया है आवेदक द्वारा प्रस्तुत दावा स्वीकार किया जाकर ग्राम मगरोरा तहसील मैहर की स्वामित्व की आराजी नंबर 1032 रकबा 0.52 भूमि के परी क्षेत्र में सीमांकन आदेश दिनांक 02/12/ 2022 अनुसार अनुसार आराजी अमोल चौधरी दबता रकवा पाए जाने से उक्त रकबे से अनावेदक को वेदखल किया जाता हैं और अनावेदक को आदेशित किया जाता है कि अतिक्रमित आराजी के जूज रकवा से अपना बेजा कब्जा हटाते हुए आवेदक को सौपे उभयपक्ष सूचित हो बाद समस्त कार्यवाही प्रकरण दाखिल, दर्ज हो यह आदेश जितेंद्र पटेल तहसीलदार मैहर के द्वारा किया गया है सीमांकन अमोल चौधरी के द्वारा लगाया गया था तो सीमांकन को नजर रखने के लिए न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी मैहर के समक्ष धारा 50 की निगरानी प्रकरण विचाराधीन है एवं निगरानी और आर्डरसिट की कापी तहसीलदर को देने के बाद भी नही सुना गया जबकि प्रकरण को चलना ही भी चाहिए आवेदन पत्र पर एक पक्षी सुना गया संलग्न दस्तावेजों का अवलोकन नही किया गया और तहसीलदार द्वारा एकपछिय आदेश बेदखल किए जाने का पारित किया गया ।ठीक और तो और इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी मैहर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई जिसमे धारा 52 का आवेदन पत्र अधीनस्थ न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने हेतु लेकिन अपीलार्थी यानी अमोल चौधरी द्वारा प्रस्तुत धारा 52 का आवेदन पत्र स्वीकार न किया जाकर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आवेदन खारिज कर दिया गया यह लिखकर की दस्तावेजों का अवलोकन पश्चात में यह पाता हूं कि अपीलार्थी द्वारा अपील के साथ प्रस्तुत धारा 52 का आवेदन पत्र बिधिसम्यक न होने एवम आधारहीन होने से अस्वीकार किया जाता है।
जिससे निःशब्द होकर यह अपील माननीय न्यायालय के समक्ष निम्नलिखित आधारों पर प्रस्तुत किया गया लेकिन अनुविभागीय अधिकारी महोदय मैहर के द्वारा भी राजनीतिक दबाव के चलते धारा 52 को भी खारिज कर दिया गया ऐसे में जब न्यायिक अधिकारी राजनीति के दबाव में काम करेंगे तो आम जनमानस का क्या होगा और यह इस मामले को लेकर क्या सतना कलेक्टर ध्यान देंगे ऐसे मामले में तो राजस्व मंत्री मध्य प्रदेश एवं माननीय शिवराज सिंह चौहान जी को संज्ञान में लेते हुए दंडात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।
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