रीवा व सतना के खनिज कारोबारियों को लगा झटका, निरस्त हुईं एक दर्जन से अधिक खदानें

रीवा व सतना के खनिज कारोबारियों को लगा झटका, निरस्त हुईं एक दर्जन से अधिक खदानें
इंडिया न्यूज दर्पण के लिए सतना से सुनील कुमार दाहिया की रिपोर्ट
शासन के फैसले के बाद रीवा सतना जिले की एक दर्जन से अधिक खदानों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में कई कारोबारियों को झटका लगा है। जानकारी के मुताबिक 14 खदानों को लेप्स कर दिया गया है। जिसमें 9 खदानें बाक्साइड और 5 खदानें लाइम स्टोन की हैं। शासन की इस कार्रवाई से जैतवारा के कारोबारियों को सबसे ज्यादा झटका लगा है। जानकारी के स्थित मुताबिक लेप्स की खदानों में 8 खदानों जैतवारा फर्मों से जुड़ी हुई बताई जा रही है। जिला कलेक्टर द्वारा 10 अगस्त 2020 को रीवा कमिश्नर को प्रस्ताव भेजा गया था। अंतिम निर्णय 4 जुलाई गठित टीम की अनुशंसा के बाद लिया गया।
जैतवारा की एमपी मिनिरल्स कंपनी जैतवारा बिरसिंहपुर तहसील अन्तर्गत संचालित खदानें लेप्स की गई हैं। 5.005 हेक्टेयर की एक खदान 1981 में 50 वर्ष के लिए और एक अन्य 3.845 हेक्टेयर की खदान 1985 में स्वीकृत की गई थी। इसी तरह हैरिस सप्लाई कंपनी जैतवारा की टीकर स्थित 7.931 हेक्टेयर और जैतवारा रामचंद्र बंसल की नौगवां 11.128 हेक्टेयर बाक्साइड की खदान लेप्स की गई है। इसी प्रकार राकेश एजेन्सी जैतवारा की रीवा जिले के कुम्हरा जुडवानी की 15.78 हेक्टेयर, राकेश एजेंसी की ही चित्ती जागीर स्थित 12.950 हेक्टेयर और कुम्हरा जुड़वानी स्थित जैतवारा इन खदानों को किया की फर्म जयलाल भरतलाल की 10.730 हेक्टर बाक्साईड की खदाने लेप्स कर दिया गया है। बाक्साइड की दो खदानें जो लेप्स की गई है। उनमें लक्ष्मी एंड संस की तुर्रा 17.880 हेक्टेयर और सतना के श्रवण पाठक की सतरी खदान 38.130 हेक्टेयर भी शामिल है।
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