मैहर – नही बनी पानी की टंकी, 51600 की राशि सरपंच और सचिव ने मिलकर डकार लिए।

इंडिया न्यूज़ दर्शन सतना जिला ब्यूरो चीफ सुनील कुमार दाहिया की रिपोर्ट
मामला मैहर जनपद के ग्राम पंचायत पिपरा बरबंड का जनपद पंचायत सीईओ, एई और इंजिनियर के नाक के नीचे पनप रहा खुलेआम सचिव और सरपंच का भ्रष्टाचार। मध्यप्रदेश सरकार के आदेश और नियम समझ से परे है जहां कुछ शासकीय कर्मचारियों को प्रतिदिन दफ्तर में सात से आठ घंटे काम करना पड़ता है लेकिन तनख्वाह ऊंट के मुंह में जीरे के समान मिलती है वही प्रदेश जिले और जनपद में एक ऐसा विभाग और पद है सचिव का जिसे तनख्वाह तो आधे लाख रुपए तक पहुंच गई लेकिन कार्य बस इतना की हफ्ते के चार सोमवार या गुरुवार ग्राम पंचायत कार्यालय खोलना उसमे से कोई नियम नहीं न हाजिरी रजिस्टर और न ही डिजिटल उपस्थिति ऐसे में यह पद ग्रामसेवको के बाद सबसे ज्यादा तनख्वाह के अलावा जनहित हेतु विकास के निर्माण कार्यों में मिलने वाली राशि को कमीशन के रूप में अवैध कमाई का है। जब चाहे तब सरकार के पास, कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत सीईओ आज तक इसका हल नही निकाल पाए न ही अंकुश लगा पाए।
ताजा मामला ग्राम पंचायत पिपरा बरबंड का है जहां पेयजल आपूर्ति हेतु पानी की टंकी का निर्माण होना था जिसकी राशि 51600 हजार रूपए माह जुलाई में सचिव और सरपंच द्वारा गुप्ता ट्रेडर्स के माध्यम से आहरित कर आपस में बटवारा कर लिया गया । चार माह बीत गए लेकिन आहरित की राशि से टंकी निर्माण हेतु एक ईंट भी नही रखी गई।
लेकिन जनपद पंचायत सीईओ, ए ई और इंजिनियर साहब कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं शायद ऐसे पंचायतों के चुनिंदा सचिवो और सरपंचों के कमीशन के सामने वो भी नतमस्तक है। अब जब जिम्मेदार मीडिया, पत्रकार इस पुनीत पावन भ्रष्टाचार को उजागर करे तब शायद जनपद पंचायत सीईओ और इंजिनियर अपने सचिव और सरपंच को बचाने हेतु निर्माण कार्य शुरू कराएंगे।
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