मध्य प्रदेशसतना

समिति प्रशासक की असंवेदनशील रवैया के कारण तीर्थ यात्रियों को लूटता ठेकेदार

आनेवाली गाडियां से दोगुना पैसा वसूल करता

मैहर।शारदा प्रबंधक समिति द्वारा देवी जी धाम बंधा वैरियर के अंदर जाने वाले वाहनों का ठेका नागेंद्र सिंह एंड कंपनी को लगभग एक करोड़ 51 लाख में दिया गया जिसमे चार पहिया वाहनों का अंदर जाने का शुल्क 60 रुपया एवम बस हाइवा एवम भारी वाहनों का 30 रुपया तय किया गया साथ ही शुल्क लेकर बंधा वैरियर से अंदर जाने वाले सभी वाहनों की सुरक्षा की पूरी जबावदारी ठेकेदार की होगी वही दूसरी ओर ठेकेदार द्वारा विधि विरुद्ध तरीके से बस का बंधा वैरियर के बाहर खड़े रहने का 30 रुपए के जगह 60 रुपया एवम 120 रुपया वसूल किया जाता है साथ ही अंदर जाने वाले वाहनों से शुल्क लेकर जो रसीद ठेकेदार द्वारा दी जा रही उसमे स्पष्ट लिखा है की किसी भी आपत्ति होने पर गाडियां की कोई जब्वादारी ठेकेदार की नही होगी एवम गाड़ियां की सुरक्षा स्वयं करे अब बड़ा प्रश्न यह उठता है की क्या शारदा प्रबंधक समिति अवैध वसूली करवाने एवम माई के धाम को कलंकित करने के लिए ठेका प्रथा अपनाई क्योंकि ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली से आने वाले भक्तो में है आक्रोश मां शारदा प्रबंधक समिति के प्रशासक सुरेश जादव को भी ठेकेदार के अवैध वसूली के संबंध में जानकारी दी गई पर खबर लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नहीं

 

*निर्धारित दर से अधिक वसूली पर ठेका होगा निरस्त*

 

मां शारदा प्रबंधक समिति द्वारा बंधा वैरियर का ठेका देते समय शर्त रखी गई थी जिसमे इस बात का स्पष्ट लेख है ठेकेदार द्वारा अगर निर्धारित दर से अधिक वसूल किया गया तो ठेका निरस्त किया जावेगा किंतु ठेकेदार को ठेका का संचालन करते महज कुछ ही दिन हुए और ठेकेदार अवैध वसूली करने लगा जिसका साक्ष्य रसीद है दर्शनार्थियो का बयान है अब दिलचस्प पहलू यह होगा की क्या मंदिर प्रशासक ठेकेदार पर अवैध वसूली करने पर अंकुश लगा पाती है की नही और क्या अवैध वसूली कर रहे ठेकेदार पर कार्यवाही कर ठेका निरस्त करने की कार्यवाही होगी की नही यह एक बड़ा प्रश्न होगा

 

*नही मानता ठेकेदार एनआईटी की शर्तो को*

 

ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली कर रहा है साथ ही एनआईटी में दर्ज शर्तो को नहीं मानता ठेकेदार जबकि नाम न बताने पर कुछ सूत्रों ने बताया की ठेकेदार का साफ साफ कहना है की मैं समिति से पैसा लगाकर ठेका लिया हु जैसा मन पड़ेगा वैसा वसूली करूंगा मेरा कोई कुछ नही कर सकता इतना ही नहीं ठेकेदार द्वारा समिति में पदस्थ कई कर्मचारियों को भी मैनेज किया गया है यही कारण है की सब कुछ अवैध तरीके से हो रहा और कर्मचारी एवम प्रभारी सहित सभी लोग शांत बैठे है कर्मचारियों को पैसा से मतलब है जेब गर्म होनी चाहिए चाहे कुछ भी करता रहे।समिति अध्यक्ष द्वारा समिति मेला व्यवस्था बैठक के दौरान समिति प्रशासक को स्पष्ट निर्देश दिया गया था की अवैध वसूली पर अंकुश लगाए जाने को कहा गया था किंतु समिति प्रशासक के मौन धारण करने के कारण लूटते हुए तीर्थ यात्रियों को समिति अध्यक्ष द्वारा राहत प्रदान की जावेगी या यू ही लूटने के लिए छोड़ देना यह एक बड़ा प्रश्न है जिसका निदान प्रशासन क्या करता है यह भविष्य के लिए गंभीर प्रश्न है

 

सुनील कुमार दहिया इंडिया न्यूज दर्पण सतना से जिला ब्यूरो चीफ

India News Darpan

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