पंजाब

सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को समर्पित समर्पण दिवस मनाया गया

सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को समर्पित समर्पण दिवस मनाया गया

बाबा जी से प्रेम तभी सार्थक है

जब हम उनके उपदेशों पर जाते हैं

-सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

मोगा, 15 मई, 2023:- ‘सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी से प्रेम तभी सार्थक है जब हम उनकी शिक्षाओं पर चलें। हमें केवल बोलचाल में ही नहीं बल्कि अपने वास्तविक जीवन में भी उनकी शिक्षाओं का पालन करना होगा। बाबा जी ने हमें शिक्षा के रूप में जो मोती दिए हैं, उन्हें हमें अपने जीवन में धारण करना है। शिक्षक के प्रति प्रेम, समर्पण और सम्मान वास्तविक होना चाहिए न कि केवल दिखावे के लिए। हमें अपना मंथन करना है। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि गुरु के प्रति प्रेम और भक्ति की भावना हमारे जीवन में सच्ची होनी चाहिए। उन्हें केवल एक विशेष दिन के रूप में याद करने के बजाय, हम उनकी शिक्षाओं से दैनिक प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बनाएं।ये शब्द सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने भक्तों की एक बड़ी सभा को संबोधित किए थे।

 

संत निरंकारी आध्यात्मिक केंद्र समालखा में बाबा हरदेव सिंह जी की स्मृति में शनिवार 13 मई को सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सानिध्य में ‘समर्पण दिवस’ का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बाबा जी के दर्शन किए।दया को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

सतगुरु माता जी ने उदाहरण देकर समझाया कि जैसे दूध के मथने से केवल मलाई और मक्खन निकलता है, इसके विपरीत पानी में यह अवस्था बिल्कुल भी संभव नहीं है। इसलिए सच्ची भक्ति ईश्वर से जुड़कर ही प्राप्त की जा सकती है, तभी हमारा मन प्रेम और सम्मान से भरेगा, तभी हृदय में गुरु के प्रति सच्चा प्रेम और भक्ति उत्पन्न होगी।

सतगुरु माता जी के प्रवचन से पूर्व निरंकारी राजपिता जी ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा जी का संपूर्ण जीवन कृपा और आशीर्वाद से भरा रहा। बाबाजी ने पूरी दुनिया को प्रेम और शांति का दिव्य संदेश दिया। हमें बाबाजी की शिक्षाओं से ही प्रेम का सही अर्थ मिला और उन्होंने न केवल प्रेम और अपनी दिव्य मुस्कान से सभी को नहलाया बल्कि संपूर्ण मानव जाति के प्रति करुणा का भाव रखते हुए अपने जीवन को सार्थक बनाया। बाबाजी का मत था कि यदि जीवन में प्रेम का भाव हो तो साष्टांग प्रणाम आसान हो जाता है। उनका मानना था कि ऊंचाइयों को इस तरह से प्राप्त किया जाना चाहिए कि गुरसिख पर माया का कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। योग्यता और मेहनत की भावना न देखकर बाबा जी ने सबके प्रति समानता और करुणा का परिचय दिया। अंत में निरंकारी राजपिता जी ने प्रार्थना की कि उनका सारा जीवन सतगुरु के वचनों के अनुसार व्यतीत हो। इस अवसर पर भाई साहिब राकेश कुमार लक्की जी, समन्वयक मोगा ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी का संपूर्ण जीवन संपूर्ण मानवता को समर्पित समर्पित समर्पण दिवस के अवसर पर मिशन के वक्ताओं ने भाषणों के माध्यम से बाबा जी के गीत, भजन और कविताएं, प्रेम, दया और भक्ति जैसे दिव्य गुणों को अपनी शुभ अभिव्यक्तियों के माध्यम से प्रकट किया। निस्संदेह बाबा हरदेव सिंह जी के नेतृत्व ने हर निरंकारी भक्त के दिल में एक अमिट छाप छोड़ी है जिससे आज हर भक्त अपना जीवन सफल बना रहा है।

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