बैतूलमध्य प्रदेश

संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में अवतरण दिवस एवं अमृतवाणी एवं अखंड पाठ का हुआ समापन 

इंडिया न्यूज दर्पण /अनिल दवन्डे बैतूल

बैतूल के उड़दन स्थित सतलोक आश्रम में चल रहे महासमागम का अवतरण दिवस का शांतिपूर्ण तरीके से समापन हुआ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में हो रहे तीन दिवसीय विशाल भंडारे का समापन हुआ जिसमे लगभग 5 से 10 लाख लोगों ने आकर भंडारा प्रसाद गृहण किया। इस दौरान बैतूल-इटारसी रोड पर बिना किसी अव्यवस्था व ट्रैफिक के लगातार वाहनों का आना जाना लगा रहा । आश्रम के द्वारा बैतूल बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से संगत को लाने व ले जाने के लिए बसों की भी व्यवस्था की गई थी।

आश्रम में एंट्री के लिए 2 द्वार बनाया गया था। आश्रम में आने वाले भाइयों व बहनों के बैठने के लिए 2 लाख स्क्वायर फीट का टीन शेड बना हुआ है व साथ ही 200 बाय 300 के तीन बड़े वॉटरप्रूफ डूम भी लगाए गए थे जो पूरी तरह भरे हुए थे,आश्रम में नहाने व शौच की पर्याप्त व्यवस्था थी। अनुयायियों के जूते चप्पलों को रखने के लिए विशाल जूता घर, ज्ञान संग्रह के लिए पुस्तकालय व संत रामपाल जी महाराज के उद्देश्यों को समझने के लिए मनमोहक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी । इस पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था जैसे भंडारा बनाना,खिलाना,सिक्योरिटी,पार्किंग आदि सेवाओं को संभालने के लिए पूरे आश्रम प्रांगण में अलग-अलग छोर पर लगभग 10 से 12 हजार सेवादार अपनी सेवाओं में तत्पर रहें। एक और देखे तो थोड़ी सी भिड़ में भगदड़ मच जाती है और पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल जाते है लेकिन सतलोक आश्रम में लाखो की संख्या में लोगों के आने पर भी किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था देखने को नहीं मिली सभी श्रद्धालु अपने गुरुदेव के दिए गए ज्ञान से पूर्णतः अनुशासित ढंग से आए और शांतिपूर्वक वापस चले गए ।पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी इस शांतिपूर्ण तरीके से हुए समागम की भूरी भूरी प्रशंशा कर रहे है ।

अवतरण दिवस के दूसरे दिन 151 जोड़ों का बिना किसी दहेज के सामूहिक अंतर्जातीय विवाह मात्र 17 मिनट में गुरुवाणी से कराया गया व अनुयायियों ने रक्तदान महादान की वास्तविकता को चरितार्थ किया। इस तीन दिवसीय महासमागम एवं अवतरण दिवस में आने वाले लाखो श्रद्धालुओं ने पाप नाशक भंडारा ग्रहण किया। कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी जनप्रतिनिधियो ने कहा कि हमने आज तक कई बड़े कार्यक्रम देखे लेकिन ऐसी व्यवस्था कही देखने को नहीं मिली ये वास्तव में अदभुत और मन को शांति प्रदान करने वाला स्थान है। आश्रम सेवादारों ने बताया कि ये व्यवस्था करना हमारे बस की बात नहीं है ये सब कार्य हमारे सतगुरु देव संत रामपाल जी महाराज जी स्वयं ही कर रहे है।

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