एमडीएम रसोईयों का हो रहा आर्थिक शोषण, अटल सेना ने सौपा ज्ञापन

(अनिल दवन्डे बैतूल)
बैतूल। अटल सेना बैतूल द्वारा एमडीएम रसोईया मानदेय के स्थान पर वेतन चाहिए सहित सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम से जिला प्रशासन को सौंपा। इससे पूर्व एमडीएम रसोइयों की मांगों को लेकर भव्य रैली निकाली गई जो शहीद भवन के सामने से रैली कलेक्ट्रेट पहुंची यहां डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस संबंध में संगठन के प्रांताध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौहान (केन्डु बाबा) ने बताया कि जब हर तरफ महिला सशक्तिकरण की बात चल रही है ऐसे में यह शासन को सोचना चाहिए की इतने कम मानदेय में एक महिला अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे कर सकती है। उन्होने कहा कि यह आर्थिक शोषण की श्रेणी में आता है। परसोली कुद्र की बसंती धुर्वे ने कहा की प्राथमिक शाला मां भवानी स्व सहायता समूह पिछले वर्ष से शुरू की राशि नहीं मिल पाई है। हनी स्कूल के समूह को भी 4 माह 5 माह से पैसे नहीं मिल पा रहे। एकीकृत स्कूल होने से जैसे मिडिल स्कूल में प्राइमरी स्कूल मर्ज हो रहे हैं वहां बच्चे कम होने से उन स्कूल के काम करने वाले सभी को बंद किया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि जरूरतमंद इन महिलाओं के हित में और महिला सशक्तिरण की दिशा में उक्त मांगों को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए इनका निराकरण करें। कार्यवाही नहीं होने की दशा में संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा। इस अवसर प्रमुख रूप से सीमा विश्वकर्मा, निर्मला झाड़े, भीमा रावते, लता यादव, शिवरती धुर्वे, हेमलता कोसे, निर्मला ठाडीकार, सुनीता पाटणकर, रविता दुर्गे, मीना अडलक, गंगा नागरे, अनीता शर्मा, मीना सूर्यवंशी, इमला बेगम, सरोज देशमुख, मुन्नीबाई कुमरे, शशिकला चौरे सहित सैंकड़ों महिलाएं शामिल थी।
*ज्ञापन में यह थी मांगे*
एमडीएम रसोइयों को मानदेय नहीं कलेक्ट्रेट रेट से वेतन प्रदान किया जाए, माध्यमिक शाला में मर्ज होने वाला प्राथमिक शाला के रसोइयों को सभी को बंद नहीं किया जाए बच्चे कम होने पर भी उन्हें अन्य काम में लगाया जाएख् एमडीएम रसोइयों को किसी भी कीमत है बच्चे कम होने पर भी बंद नहीं किया जाए। महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए समूह का निर्माण किया गया उन्हें बेरोजगार नहीं किया जाए, प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 10 रूपए और माध्यमिक शाला पर बच्चे को 15 रूपए का रेट दिया जाए, रसोइयों को साल में दो ड्रेस कपड़े दिया जाए और एमडीएम रसोइयों का बीमा किया जाए कोई घटना दुर्घटना हो जाए तो उनके परिवार को एक निश्चित राशि दी जाए, एमडीएम रसोइयों को हर महा समय पर वेतन दिया जाए, 15 अगस्त को 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व पर स्कूल में होने वाले आयोजन व्यवस्था करने के बाद भी रसोईयों को इसका अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाता है।
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