
कोरबा/कटघोरा :- बहुचर्चित दिव्या मर्डर मिस्ट्री पुलिस के लिए एक पहेली बनकर रह गई है जो पुलिस दिव्या मर्डर मिस्ट्री को सुलझा पाने में नाकाम नजर आ रही हैं 10 माह से दिव्या का केश थाने की फाइलों में दम तोड़ रहा है। पुलिस आजपर्यंत तक इस केश का खुलासा नही कर पाई है।जबकि कटघोरा पुलिस को ब्लाइंड केश सुलझाने में महारत हासिल है फिर दिव्या मर्डर मिस्ट्री को लेकर पुलिस के माथे पर पसीना क्यो आ जाता है जो यह केश आज तक अधर में लटका हुआ है। आखिर पुलिस के हाथ दिव्या के कातिलों तक क्यो नही पहुँच रहे हैं..? क्या दिव्या मर्डर का यह मामला पुलिस की फाइलों में ही दम तोड़ देगा..? या दिव्या के कातिल कभी सलाखों के पीछे भी जाएंगे..? कई तरह के सवाल आज भी पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।बहरहाल जिले में तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक यू उदय किरण के कमान संभालते ही दिव्या मर्डर मिस्ट्री मामले में एक बार फिर से उम्मीद की किरण नजर आई हैं पुलिस अधीक्षक यू उदय किरण ऐसे जघन्य मामलों को बेहद गम्भीरता से लेते हैं बीते दिनों थाना बांगो में पदस्थ ASI की हत्या हुई थी जहां पुलिस अधीक्षक ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया था और पुलिस लगातार हत्यारो की तलाश में जुटी हुई है।
बता दे कि 25 मई 2022 को जिला कोरबा के ब्लाक पोड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम पाथा की रहने वाली दिव्या सिंह का शव पुलिस ने महेशपुर बायपास से करीबन 200 मीटर की दूरी पर एक वीरान कुएं से बरामद किया था,दिव्या का मुख्य निवास ग्राम पाथा में था और वह ग्राम रंजना में अपने मौसी के घर रहकर हाई स्कूल रंजना में 11वी की पढ़ाई कर रही थी, जहां परीक्षा बाद दिव्या अपने मुख्य निवास आ गई थी और 15 मई 2022 को दिव्या परीक्षा का परिणाम (रिजल्ट) लेने ग्राम रंजना आई हुई थी और अपनी मौसी के घर रुकी थी।जहां दिव्या दो दिनों तक रुकी और 17 मई 2022 को वह रंजना में ही अपने किसी करीबी रिश्तेदार के यहाँ चली गई थी जहाँ दिव्या 21 मई तक रुकी,जहां से दिव्या 22 मई को मेरा भाई लेने आ रहा है कहकर रंजना रिश्तेदार के यहां से सुबह 09:30 बजे बस में बैठकर कटघोरा के लिए रवाना हो गई, जिसके बाद से दिव्या का शव महेशपुर बायपास में एक कुएं से पुलिस ने बरामद किया था।
हालांकि पुलिस दिव्या मर्डर मिस्ट्री को लेकर 10 माह से लगातार जांच कर रही है, लेकिन आज तक पुलिस के हाथ खाली है वही दिव्या के कातिल पुलिस की आंखों में धूल झोंक खूलेआम घूम रहे हैं। सूत्रों की माने तो दिव्या के कातिल कही और के नही बल्कि ग्राम पाथा के ही हो सकते हैं जिन्होंने पूरी प्लानिंग के साथ दिव्या का मर्डर करने महेशपुर बायपास को चुना था।गौरतलब है इस दौरान कटघोरा एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी के मार्गदर्शन में थाना कटघोरा प्रभारी लक्ष्मण खूंटे इस मामले की जांच कर थे। जांच के दौरान प्रभारी खूंटे ने दिव्या के मर्डर से जुड़े सभी एंगल को खंगाला,जहां प्रभारी खूंटे ने कुछ संदेहियों को चिन्हाकित किया था, लेकिन वे दिव्या मर्डर केश को सुलझा पाने में सफलता हासिल करते उसके पहले ही इनका ट्रांसफर हो गया।उसके बाद से दिव्या मर्डर केश थाना की फाइलों में ही दफन होकर रह गया है, आज तक पुलिस इस मामले का पर्दाफाश नही कर पाई है।
कोरबा पुलिस अधीक्षक (भा.पु.से.) यू उदय किरण के पदभार संभालते ही दिव्या मर्डर मिस्ट्री मामले में उम्मीद की किरण नजर आने लगी है, एसपी यू उदय किरण बेहद तेजतर्रार होने के साथ गुंडे बदमाशों व अपराधियों पर नकेल कसने वाले अधिकारियों में मशहूर हैं जिला कोरबा में एसपी यू उदय किरण के आमद देते ही जिले भर के गुंडे बदमाश व असामाजिक तत्व भूमिगत नजर आते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं 10 माह से अधर में लटके दिव्या मर्डर केश में अपराधी ज्यादा दिन महफूज नही रह सकते, जल्द ही वे सलाखों के पीछे होंगे।
✍रिपोर्टर – साकेत वर्मा
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