
एसपी, कलेक्टर से कर दे शिकायत- सीएम मेरा परिवार….दो टके का पत्रकार! चैतमा चौंकी प्रभारी के बिगड़े बोल, अवैध शराब-गांजा बिक्री मामले पर भड़के एएसआई ने बत्तीमीजी की मर्यादा की पार
कोरबा/चैतमा :- किसी भी पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक को किसी थाना- चौंकी की जिम्मेदारी सौंपने के दौरान शीर्ष अधिकारियों द्वारा उन्हें पक्षपातपूर्ण या भेदभावपूर्ण तरीके से कार्य नही करने तथा सभी नागरिक, नस्ल, जातीयता, योन अभिविन्यास, सामाजिक, आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय मूल या धर्म मामले पर नैतिकता, ईमानदारी, जवाबदेही, कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपराध पीड़ितों की सहायता करने, रिपोर्ट को गंभीरता से लेने, अपराधी का पीछा करते हुए और समुदाय में उपलब्ध पीड़ित सेवाओं को समझाते, देखभाल व सहृदय उत्तरदायी का समान रूप से और न्यायपूर्वक निर्वहन करने पाठ पढ़ाया जाता है। किन्तु इन सबके विपरीत तलवार बाजी को साधारण मारपीट, लूट जैसी गंभीर वारदात को महज चोरी की घटना बताने में माहिर जिले के चैतमा पुलिस चौंकी प्रभारी, सहायक उप निरीक्षक सुरेश कुमार जोगी आईपीसी, सीआरपीसी के धाराओं के साथ मानो खेल रहे है, जिनके आतंक से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि चैतमा क्षेत्र के दो नंबरी कारोबारियों का अड्डा यहां का चौंकी बनता जा रहा है। वहीं तलवारबाजी, मारपीट, अवैध शराब- गांजा के आरोपी नोट के बंडल के सहारे धाराएं कम करवा कर इस पुलिस चौंकी से ही मुचलका पर छूट जा रहे है। ऐसे में अपराधी प्रवित्ति के लोग व अवैध धंधा के कारोबारी चांदी काट रहे है। जिसका फायदा इस चौकी में पदस्थ एएसआई को जमकर हो रहा है। जिससे इनका रवैया अपराधियों के साथ पुलिस जैसा न होकर दोस्ताना और आम जनता से दोयम तरीके का है। सूत्रों की माने तो चैतमा चौकी क्षेत्र में अवैध महुआ व गांजा बिक्री के मामले इतने बढ़ गए है कि बीमारी के निदान के लिए दवा मिले न मिले लेकिन नशा करने वालों को बिना किसी खास मशक्कत के सहज सुलभ रूप से शराब, गांजा उपलब्ध हो जाएगा। जिसके कारण गरीब वर्ग प्रतिदिन के मेहनत की कमाई को नशे में फंसकर उड़ा रहे है। वहीं नाबालिग भी नशे के आदी बनते जा रहे है। जिसके चलते उनके घरों में रोजाना पारिवारिक कलह बनी हुई है। जबकि चैतमा पुलिस को चिंता तो बस इस बात की है कि शराब, गांजा सहित अन्य अवैध धंधे में पृथक- पृथक रूप से कितनी राशि उन तक पहुँच रही है। प्रतिमाह लाखों रुपए का वारा- न्यारा करने वाले इस चौकी प्रभारी के करतूत ने वर्दी की छवि को धूमिल करने में कोई कोर- कसर नही छोड़ी ही। स्थानीय निवासी कुछ ग्रामीणों ने जब चौकी प्रभारी के गैर जिम्मेदाराना रवैये के बारे में बताया तब क्षेत्र में हो रहे अवैध कारोबार के संबंध में अवगत कराने तथा जानकारी चाहने उन्हें उनके मोबाइल पर एक पत्रकार ने संपर्क साधा तब वे एकाएक भड़क गए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहने लगे कि तू कौन होता है मुझसे जानकारी लेने वाला, जा मेरा शिकायत एसपी- कलेक्टर से कर दे, दो टके का पत्रकार- तू तोपचन्द है क्या, सीएम मेरा रिश्तेदार है, आरोप लगाने वाले को सामने खड़े कर अथवा तुझ पर जातिगत अथवा महिला संबंधित मामले में ऐसा धारा लगाऊंगा कि जमानत कराते- करते तेरी पत्रकारिता की औकात दिख जाएगी। जिस बोल से संबंधित कुछ आडियो रिकार्डिंग सुरक्षित रखी गई है। अब ऐसे में समझा जा सकता है कि एक पत्रकार के साथ अपमानजनक शब्दों में तूम, तैसे से बात करते हुए दुर्व्यवहार करने वाले चौकी प्रभारी का व्यवहार फरियाद लेकर चौकी पहुँचने वाले आम जनता के साथ कैसा होगा। जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को ऐसे बेलगाम वर्दीधारी को कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाना अति आवश्यक है। बहरहाल चौकी प्रभारी द्वारा पत्रकार के साथ उक्त दुर्व्यवहार मामले को सदभाव पत्रकार संघ छत्तीसगढ़ ने गंभीरता से लिया है और जल्द ही निंदा प्रस्ताव पारित कर इस पुलिस कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग संबंधित आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंप की जाएगी। कार्यवाही न होने की दिशा में संगठन ने उग्र आंदोलन की बात कही है।
*रिपोर्टर – साकेत वर्मा*
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