
संवाददाता हरीश कुमार
बाराबंकी जिले के तहसील फतेहपुर के गोडैचा गाँव के निवासी मैकूलाल, पुत्र स्वर्गीय मुनेश्वर, न्याय की गुहार लगा रहे हैं। मैकूलाल की शिकायत है कि उनकी पत्नी रामावती और वे, अवैध कब्जे और जालसाजी के शिकार हुए हैं, जिसके चलते उनका जीवन कठिन हो गया है। यह मामला परिवार की संपत्ति और जमीन से जुड़ा हुआ है, जो उनके ससुर गजोधर और चचेरे ससुर सोहनलाल के निधन के बाद विवादों में घिर गया।
मैकू लाल का विवाह करीब 35 वर्ष पूर्व रामावती के साथ हुआ था। रामावती अपने माता-पिता की इकलौती संतान थीं। उनके पिता गजोधर और चाचा सोहनलाल एक ही परिवार के सदस्य थे। सोहनलाल की शादी नहीं हुई थी, लेकिन गजोधर की मृत्यु के बाद, सोहनलाल ने परिवार की परंपराओं के अनुसार, गजोधर की पत्नी मुन्नी देवी से शादी की। इस विवाह से नौमीलाल नामक एक पुत्र पैदा हुआ, जिसकी मृत्यु 2002 में एक दीवार गिरने से हो गई थी। इस हादसे में मुन्नी देवी भी मारी गई थीं। इसके बाद परिवार में सोहनलाल और रामावती ही बचे थे।
मैकूलाल का कहना है कि उनकी सास मुन्नी देवी ने अपने जीवनकाल में ही अपनी चल-अचल संपत्ति का वसीयतनामा उनके नाम कर दिया था। वसीयतनामा के आधार पर मैकूलाल और उनकी पत्नी संपत्ति के सही उत्तराधिकारी थे। लेकिन सोहनलाल की मृत्यु के बाद, गंगाराम पुत्र भीखा, निवासी अमावा, की पत्नी गंगावती ने फर्जी विधवा बनकर अपना नाम बदल लिया और खुद को कुसमावती पत्नी स्वर्गीय सोहनलाल के रूप में पेश किया।
गंगावती ने ग्राम पंचायत अधिकारी के साथ सांठ-गांठ कर अपने नाम को परिवार रजिस्टर में दर्ज करवा लिया। इसके बाद, उसने सोहनलाल की भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया। यही नहीं, उसने परिवार रजिस्टर की नकल के आधार पर तहसील और दीवानी में फर्जी मुकदमे भी दाखिल कर दिए, जिससे मैकूलाल और उनकी पत्नी को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
मैकूलाल ने यह भी आरोप लगाया कि गंगावती और उसके साथियों ने उनकी पत्नी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले घर को भी बनाने नहीं दिया। उन्होंने इस संदर्भ में थाना, तहसील और अन्य अधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई।
मैकूलाल के अनुसार, कई प्रार्थना पत्रों के बाद लेखपाल और अन्य सरकारी कर्मचारियों ने जांच की और अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया कि कुसमावती, असल में गंगावती पत्नी गंगाराम निवासी अमावा हैं। इसके बावजूद, पुलिस ने गंगावती और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।
इस पूरे प्रकरण से मैकूलाल और उनका परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो गया है। वे कई महीनों से न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। मैकूलाल ने प्रशासन से मांग की है कि गंगावती के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि उनकी जमीन और संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का समाधान हो सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनकी पत्नी को मिले घर का निर्माण सुचारू रूप से किया जाए।
यह मामला बताता है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन और संपत्ति को लेकर विवाद अक्सर गंभीर रूप से उत्पन्न हो जाते हैं और कमजोर वर्ग के लोग जालसाजी और भ्रष्टाचार का शिकार होते हैं। मैकूलाल की स्थिति अब यह दिखाती है कि न्याय पाने के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी होगी।
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