विधायक ने फर्जी मतदान को बताया भाजपा प्रत्याशी की हार का कारण

विधायक ने फर्जी मतदान को बताया भाजपा प्रत्याशी की हार का कारण
(कितना सच-कितना झूठ, क्षेत्रीय संभ्रांत नागरिकों व भाजपाइयों ने दी अपनी राय)
इंडिया न्यूज़ दर्पण गाजियाबाद ब्यूरो चीफ नरेंद्र बंसल
लोनी चुनाव कोई भी हो मतदाता सूची में नाम गायब होना पुरानी समस्या रही है। संबंधित विभाग द्वारा इसे दूर कर पाना तो दूर उल्टा यह विकराल होती जा रही है। हाल ही में संपन्न हुए लोनी निकाय चुनाव के दौरान मतदाता सूची में नाम खोजने वालो को जिस तरह तिगड़ी का नाच नाचना पड़ा वह इसका जीता जागता सबूत है। मतदाता वोटर लिस्ट में अपना नाम खोजने के लिए इस मतदान केंद्र से उस मतदान केंद्र तक दौड़ते-भागते एजेंटों व बीएलओ से सूची की जांच करा रहे थे मगर वह भी कुछ बता पाने में असमर्थ रहे। लोग मतदाता सूची में नाम न मिलने पर थक-हारकर वापस अपने गंतव्य पर लौट रहे थे। आखिर 48 प्रतिशत मतदान के बाद हुई काउंटिंग के अनुसार यहां गठबंधन की रालोद प्रत्याशी ने अपनी प्रतिद्वंदी सत्ता पक्ष की भाजपा प्रत्याशी को 18 हजार से भी अधिक वोटों से हराकर विजय हासिल की। मगर भाजपा प्रत्याशी पति और स्थानीय विधायक ने गठबंधन के लोकदल प्रत्याशी की इस जीत को भारी पैमाने पर गड़बड़ी करके हासिल करने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। भाजपा प्रत्याशी ने अपनी शिकायत में 20 से 25 हजार फर्जी मतदान होने की आशंका जताई है जो समझ से परे है। वही लोनी विधायक ने विजेता प्रत्याशी के शपथ ग्रहण पर विराम लगाते हुए पुनर्मतदान की मांग तक कर दी है। विधायक का आरोप है कि एक अधिकारी के इशारे पर कर्मचारी ने वोटर लिस्ट से हजारों भाजपाई वोटरो के नाम गायब कर दिए, सच तो यह है कि ऐसे आरोप लगाना उनकी स्वयं की राजनैतिक कार्यकौशलता को कमजोर दर्शाता है। अब सच्चाई चाहे जो भी हो मगर यह सवाल मुखर हो जाना भी लाजमी है कि क्या सत्ता पक्ष के होते हुए मतदाता सूची में इतना बड़ा घोटाला होना संभव है.? और यदि हुआ भी है तो क्या यह स्वयं सरकारी तंत्र की नाकामी को उजागर नहीं करता.? ऐसे ही कुछ सवालों के उत्तर जानने के लिए जब इस प्रतिनिधि ने भाजपा के ही कुछ जिम्मेदार नेताओं एवं सामाजिक संगठन से जुड़े बुद्धिजीवी संभ्रांत नागरिकों से बातचीत की तो उनका पक्ष कुछ इस प्रकार था:-

– भा0 कि0 संघ भाजपा के प्रांतीय कोषाध्यक्ष ओंकार त्यागी ने कहा कि फर्जी मतदान होने की बात को नकारा नहीं जा सकता। मगर किसी की हार जीत के लिए उसका इतना बड़ा असर नहीं हो सकता। भाजपा प्रत्याशी की हार का मुख्य कारण भितरघात है। दरसल मठाधीश बने बैठे कुछ लोगों ने किसी को वोट डालने के लिए कहा ही नहीं। टिकट नहीं होने से उसके अधिकांश दावेदार नाराज दिखे जिन्हें यह सोचने की जरूरत थी कि चुनाव कोई प्रत्याशी नहीं बल्कि फूल लड़ रहा है। मगर ऐसा नहीं हो सका जो पार्टी प्रत्याशी के लिए नुकसानदायक सिद्ध हुआ।

– वरिष्ठ भाजपा नेता ईश्वर मावी ने कहा फर्जी वोट तो पड़े हैं, नकली आईडी सहित लोग पकड़े भी गए हैं जिनके विरुद्ध मुकदमा भी लिखा गया। मगर पार्टी प्रत्याशी की हार का एक बड़ा कारण भाजपा मतदाताओं का कम संख्या में मतदान करना है। इसके अलावा स्थानीय भाजपा नेताओं की एकजुटता का टोटा भी रहा, हालांकि उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ चुनाव लड़ाया है। जहां तक पार्टी प्रत्याशी की हार का कारण है. संगठन द्वारा उसकी समीक्षा की जा रही है जो अत्यंत जरूरी भी है।

– राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवेश दत्त भारद्वाज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा प्रत्याशी की हार का मुख्य कारण सामान्य वर्ग की अनदेखी करना है जिन्होंने इस बार गठबंधन प्रत्याशी के हक में वोट की है और संगठन ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी भाजपा की हार का कारण सामान्य वर्ग की अनदेखी ही रहा है। जहा तक फर्जी मतदान की बात है यह देखना कोर्ट या चुनाव आयोग का काम है। हालांकि किसी भी मतदान केंद्र पर पर 50-100 वोटों की हेरा फेरी होने की बात को माना जा सकता है मगर 20-25 हजार की संख्या में फर्जी मतदान होने की बात किसी के भी गले नहीं उतर सकती। वैसे भी किसी पर दोष मंढने से पहले यह सोचने की भी जरूरत है कि मतदान के दौरान ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने का काम स्वयं विधायक या प्रशासन का था।

– हिंदू रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष अमित प्रजापति के अनुसार भाजपा प्रत्याशी की हार का कारण उनका एक ऐसे सिंगल चेहरे पर चुनाव लड़ना रहा जिनका अधिकांश क्षेत्रवासियों के बीच विरोध है। तमाम हिंदू संगठन भी उनसे नाराज हैं। विपक्षियों पर फर्जी मतदान करने का आरोप लगाने वालों को बताना चाहता हूं कि किसी भी वार्ड में यदि कुछ फर्जी मतदान हुआ भी है उससे कोई भी दल अछूता नहीं रहा। उनके स्वयं के वार्ड 27 में भाजपाइयों ने खुलेआम फर्जी मतदान किया जिन्हें रंगे हाथों पकड़ा भी गया। सच तो यह है एक ही व्यक्ति ने अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहा जिसे जनता ने सिरे से नकार दिया।

– भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक धर्मेंद्र त्यागी ने कहा कि विधायक द्वारा फर्जी मतदान होने की बात कहना कोई मायने नहीं रखता यह देखना प्रशासन का काम है। सच तो यह है कि आपसी मतभेद के चलते सभी नेता एक मंच नहीं हो सके। यदि सभी एक प्लेटफार्म पर होते तो शायद हार का मुंह नहीं देखना पड़ता। गठबंधन प्रत्याशी खेमे में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। जाकिर अली की बहन चुनावी मैदान में होने के बावजूद सभी ने एक जुटता के साथ गठबंधन प्रत्याशी को जीत दिलाई जो हर संगठन के लिए एक संदेश है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा प्रत्याशी को लगभग 86 हजार मत प्राप्त हुए हैं लेकिन गढ़ी कटैया, जावली, खानपुर जप्ती व टिला शाहबाजपुर जैसे गांव में जहां के करीब 30 हजार गुर्जर वोट वह नहीं भुना सके यह भी उनकी हार का एक बड़ा कारण है। दरसल देहात क्षेत्र में रहने वाले बहुत ही असरदार नेता विधायक से नाराज रहे। विधायक योगी मोदी के नाम को भुनाकर चुनाव जीत जाने के बाद अकेले वाहवाही लूटना चाहते थे और अब. जब पार्टी प्रत्याशी हार गया वह कार्यकर्ताओं को गद्दार कहना शुरू कर देंगे।

– ओबीसी मोर्चा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेंद्र मावी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि फर्जी मतदान के चलते पार्टी प्रत्याशी की इस कदर हार हुई हो। वैसे भी मतदान के दौरान यदि कोई अनियमितता बरती गई तो यह देखना विधायक की नहीं बल्कि इसकी जवाबदेही चुनाव प्रशासन की बनती है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि नेताओं के कहने से कुछ नहीं होता वह तो क्षेत्र में रोहिंग्या और बांग्लादेशीओ के होने का दावा भी करते रहे हैं मगर आजतक किसी को पकड़वा कर सिद्ध नहीं कर सके। विधायक द्वारा प्रेस वार्ता कर 20- 25 हजार फर्जी मतदान होने की बात कहने से कुछ नहीं होता। साक्ष्य के आधार पर यह प्रशासन के देखने का काम है। सच तो यह है विधायक ने भाजपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ने ही नहीं दिया उन्हें खुद कैप्चर करके रखा जिसका नतीजा सामने हैं।
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