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भाजपा के सभासद प्रत्याशियों को लेकर संगठन की कार्यप्रणाली पर उठी उंगली

भाजपा के सभासद प्रत्याशियों को लेकर संगठन की कार्यप्रणाली पर उठी उंगली
धन-बल पर टिकट होने का लगाया आरोप
धांधली से त्रस्त दावेदार उतरे बगावत पर
मंडल अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष को थमाया इस्तीफा

इंडिया न्यूज़ दर्पण गाजियाबाद ब्यूरो नरेंद्र बंसल

लोनी नगर पालिका परिषद क्षेत्रीय वार्डो में भाजपा टिकट वितरण को लेकर संगठन की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर उंगली उठ रही है। इस मामले में जहां नागरिक टिकट कर्ताओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं वही सभासद पद के कुछ दावेदार बगावत पर उतर आए हैं। यही नहीं संगठन के इस कृत्य से नाराज परशुराम मंडल अध्यक्ष ने जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा  तक थमा दिया। इस कड़ी में बात करते हैं वार्ड नंबर 41 की जहां संगठन पर लगाए जा रहे आरोपों को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
लगभग 11 हजार मतदाताओं वाले इस वार्ड में सभासद सीट के लिए भाजपा के आधा दर्जन दावेदार थे। टिकट पाने की दौड़ में सभी एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ में लगे थे। उक्त टिकट दावेदारों के बीच ऐसे कार्यकर्ता (दावेदार) भी शामिल थे जो न कि पार्टी के लिए पिछले लंबे समय से समर्पित भाव से काम करते आ रहे थे बल्कि क्षेत्रीय जनता भी उनके व्यवहार और कार्य कौशलता से कहीं ना कहीं संतुष्ट थी। इसी के बूते यह दावेदार अपना टिकट पक्का मानकर चल रहे थे। क्षेत्रीय मतदाताओं को भी पूरा भरोसा था कि उनके इन्हीं पसंदा दावेदारों में से किसी के नाम पर संगठन अंतिम निर्णय लेगा। लेकिन  पिछले कुछ दिनों से इन दावेदारों में शामिल एक ऐसे नाम को लेकर यह सुगबुहाट ने जन्म लिया कि उसने किसी बिचौलिए की मार्फत टिकट पाने का सौदा कर लिया है। यहां तक कि अंतिम समय में यह बात खुलकर सामने आने लगी थी कि धन बल पर उसका टिकट फाइनल हो चुका है, केवल औपचारिकता शेष है, और अंत समय में यह बात सही साबित हुई। टिकट से वंचित दावेदारों के साथ-साथ नागरिकों ने आरोप लगाते हुए यह कहां है कि कितने अफसोस की बात है कि पूर्व में पहले भी पार्टी को दो बार हार का मुंह दिखाने वाले ऐसे भाजपा प्रत्याशी के आचार-विचार को क्षेत्रीय मतदाताओं का एक बड़ा खेमा पसंद भी नहीं करता है, मगर उसके बावजूद टिकट पाकर उसने यह सिद्ध कर दिया है की अपने निजी स्वार्थ की खातिर ऐसे दावेदार को टिकट देने वाले संबंधित संगठन की नजरों में पार्टी कार्यकर्ता की मेहनत कोई मायने नहीं रखती है जो अपनी ऐसी कार्यप्रणाली के चलते पार्टी के प्रति अपनी पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ समर्पित रहने वाले कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर योगी-मोदी की भाजपा सरकार को पतन की राह पर लाने का काम कर रहे हैं।

 मंडल अध्यक्ष ने थमाया इस्तीफा टिकट वितरण मामले में हुई धांधली को लेकर पार्टी के परशुराम मंडल अध्यक्ष राजीव शर्मा ने भी अपनी नाराजगी जताई है। यहां तक कि उन्होंने जिला अध्यक्ष को एक शिकायती पत्र लिखते हुए अपना इस्तीफा तक दे दिया है। मंडल अध्यक्ष ने अपने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि टिकट वितरण के मामले में मेहनती कार्यकर्ता की उपेक्षा की गई है, यही नहीं ऐसे व्यक्ति का टिकट कर दिया गया जिसका पैनल में नाम तक नहीं भेजा गया था जिसकी आपसे कतई अपेक्षा नहीं थी। राजीव शर्मा ने जिला अध्यक्ष को कहा है कि इस मामले में आपकी कौन सी मजबूरी रही होगी.? यह तो आप स्वयं ही जानते होंगे। लेकिन आपकी कार्यप्रणाली से मैं और मेरे क्षेत्रीय कार्यकर्ता अत्यंत आहत हुए है इसलिए अपने कार्यकर्ताओं सहित भाजपा परिवार से इस्तीफा देता हूं।

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