
रिपोर्ट– बी०पी० बौद्ध
बलरामपुर। जनपद के महारानी लाल कुँवरि महाविद्यालय में प्राचार्य प्रोफेसर जे०पी० पाण्डेय के निर्देशन में प्राणी विज्ञान विभाग द्वारा कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छात्र छात्राओं को वर्मीवॉश बनाने का तरीका सिखाया गया।
इस अवसर पर विभाग वर्मीवॉश इकाई भी स्थापित किया गया। कार्यशाला के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्राणी विज्ञान विभाग ने छात्र छात्राओं को कार्यशाला के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्मीवॉश कम लागत में बनने वाली सबसे अच्छी जैविक उर्वरक है, जो मुख्यता के केंचुओ को वॉस करके बनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि वर्मीवॉश की मांग बहुत अधिक है, जिससे बाजार में इसके 1 लीटर की कीमत लगभग ₹- 700 है। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ० सतगुरु प्रकाश ने बताया कि जैविक उर्वरक होने के नाते इसका कोई हानिकारक प्रभाव नहीं, अभी तक नहीं देखा गया है। तथा फलों एवं सब्जियों के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
वर्मीवॉश इकाई स्थापित करने में सुनील खैराती, मोहित शुक्ला ने बहुत ही सराहनीय भूमिका निभाई। इस अवसर पर अल्पना परमार, डॉ० आनन्द बाजपेई, संतोष तिवारी सहित तमाम लोग उपस्थित थे।
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