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रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या जी में सजा प्रभु श्रीराम का भव्य दरबार।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

अयोध्या रामनवमी के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम का सजा भव्य दरबार बताते चलें रामनगरी अयोध्या में रामनवमी की धूम श्री राम जन्मभूमि में गुरुवार दोपहर ठीक 12 बजे भगवान राम का जन्म हुआ। घंटे घड़ियाल से पूरा मंदिर गूंज उठा। मंगल गीत गूंजने लगे। रामलला को पीले वस्त्र, सोने का मुकुट और हार पहनाया गया। अस्थायी मंदिर में यह आखिरी रामनवमी है। अगले साल यानी 2024 की रामनवमी से पहले रामलला 1800 करोड़ की लागत से तैयार नए मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। रामनवमी में जन्मभूमि दरबार सहित पूरे मंदिर को 50 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। सजावट के लिए हरी पत्तियां असम-ओडिशा से मंगवाई हैं। गेंदा फूल कोलकाता जबकि ऑर्किड कनाडा से मंगाए गए हैं। सिर्फ जन्मभूमि नहीं, बल्कि कनक भवन, श्रीरामवल्लभाकुंज मंदिर, लक्ष्मण किला और हनुमत निवास समेत करीब 10 हजार मंदिरों में जन्म के साथ ही मंगलगीत गूंजने लगे। इस बार राम नवमी पर 25 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। रामनवमी दरबार सुबह 7 बजे दर्शन के लिए खुला। रामलला के जन्म के बाद 11 क्विंटल पंजीरी, फल और मेवा का भोग लगाया गया। जगह-जगह रंगोली बनाई गई। जन्मभूमि में भगवान के जन्म के बाद आरती की गई। फिर मंदिर के पट कुछ देर के लिए बंद किए गए हैं। फिर 2 बजे खुलेंगे।
इसके बाद बधाई होगी मंगलगीत गाए जाएंगे और भक्त दर्शन करेंगे। नेपाल के जनकपुर यानी मां सीता के मायके से 500 से ज्यादा मिथिला की सखियां भी अयोध्या आई हैं। यह हनुमत निवास मंदिर के आचार्य डॉक्टर मिथिलेशनंदिनी शरण के सानिध्य में जनकपुर से आईं हैं। यह लक्ष्मण किला सहित अन्य मंदिरों में गायन, वादन और नृत्य कर अपने पाहुन राम को रिझा रहीं हैं। इस पावन अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या जी में सजा प्रभु श्री राम का भव्य दरबार।
जिला संवाददाता रवि शुक्ला।

India News Darpan

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