स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर सील करने के बाद भी नाम बदलकर रेवती में चल रहे है बिना पंजीकरण के अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर

रमेश यादव (तहसील रिपोर्टर बांसडीह )
रेवती (बलिया) प्रदेश की सरकार द्वारा लगातार गिरते लिंगानुपात को रोकने और भ्रूण हत्या को रोनके के लिंग परीक्षण करने वाले अल्ट्रासॉउन्ड संचालको के खिलाफ बड़ी करवाई कर रही है तो वहीं जनपद बलिया में स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम सील होने के बाद भी बिना पंजीकरण के नाम बदल बदल कर चलाये जा रहे अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर।
आपको बताते चले की सोमवार को बांसडीह कोतवाली क्षेत्र में एसडीएम बांसडीह को दो अल्ट्रासॉउन्ड के खिलाफ बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध अल्ट्रासॉउन्ड संचालन होने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिना अनुमति के लिंग परीक्षण की शिकायत मिली थी, जिसके उपरांत बांसडीह तहसीलदार निखिल शुक्ला, नायब तहसील सुधांशु श्रीवास्तव और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापा मारकर दो अल्ट्रासॉउन्ड और एक अवैध क्लिनिक को सील कर दिया गया। एसडीएम बांसडीह और स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी करवाई से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती के क्षेत्र में भी चल रहे अवैध अल्ट्रासॉउन्ड के संचालक अपना अपना दुकान बंद कर फरार रहे। आगे आपको बताते चले की एक तरफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिकायत मिलने के बाद बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अल्ट्रासॉउन्ड को सील किया जा रहा है तो वहीं दूसरे तरफ स्वास्थ्य विभाग के मिलीभगत से नाम बदलकर सील किये हुए अल्ट्रासॉउन्ड का संचालक भी हो रहा है। सूत्रों के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती क्षेत्र के बस स्टैंड पर चल रहे अवैध और बिना पंजीकरण के अल्ट्रासॉउन्ड माँ भगवती को लगभग छः महीना पहले एसडीएम बांसडीह,स्वास्थ्य विभाग बलिया थाना रेवती की संयुक्त टीम के माध्यम से छापा मारकर सील कर दिया गया था लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अपनी पहुंच के दम पर सील अल्ट्रासॉउन्ड के संचालक द्वारा दो महीने बाद पुनः ओम अल्ट्रासॉउन्ड के नाम से पुनः अल्ट्रासॉउन्ड का संचालन किया जाने लगा और ज़ब इसकी भनक शिकायत को लगी तो ओम अल्ट्रासॉउन्ड के संचालक द्वारा अब आदर्श अल्ट्रासॉउन्ड के नाम से बिना रजिस्ट्रेशन के पुनः अल्ट्रासॉउन्ड का संचालन किया जा रहा है, आपको बताते चले की रेवती में कुल बिना पंजीकरण के पाँच अल्ट्रासॉउन्ड संचालित होते है जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती के पाँच सौ मीटर के दायरे में संचालित होते है। वहीं कुछ शिकायतकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़ा करते हुए बताया की बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित अवैध अल्ट्रासॉउन्ड को सील करना और पुनः दूसरे नाम से अल्ट्रासॉउन्ड का संचालन होना स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत है।
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