डाक्टर ढूड रहा,है ब्यौहारी का बीमार अस्पताल अस्पताल परिसर मे धडल्ले से बिक रहा गुटखा बाहर कार्यशाला आयोजित कर रहे बीयमओ ?

विनोद तिवारी पत्रकार
सरकारी खजाने को कब कैसे लूटा जा सकता है यह सरकारी महकमे को बेहतर तरीके से पता है
और समय समय पर यह लूट अनवरत जारी है
ब्यौहारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे पदस्थ विवादित ब्लाक मेडिकल ऑफिसर चौधरी ने इस बात को प्रमाणित करके दिखा भी दिया है क्या है पूरा मामला आइऐ आपको बिस्तार से समझाते है ।
स्वर्गीय दादाभाई लवकेश सिंह स्मृति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्यौहारी मे सालो से ओमप्रकाश चौधरी का बेखौफ राज चल रहा है
आरोप लगाऐ जा रहे है कि चौधरी साहब की नजर मरीजो और अस्पताल के बजाय सरकारी खजाने पर ज्यादा रहती है मनमानी बिल बाउचर गढना फर्जीवाडा करना आरकेयस मद मे बडी गडबडी करना बडी उपलब्धि बताई जा रही है जो जाच के बाद ही स्पष्ट हो पाऐगा ।
अस्पताल के आसपास दर्जनो गुटका बिक्रेता
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कोई भी कभी भी अस्पताल के बाहर खडा होकर देख सकता है कि परिसर के अगल बगल
और खुद अंन्दर भी पानबीडी गुटखा तम्बाकू का बाजार सजा हुआ है सडे गले समोसा जलेबी सहितअनेको दूषित खाद्य पदार्थ खुलेआम बिक रहे है जो हमारे बीयमओ साहब को ना जाने क्यो नही दिख पा रहे है । हा कार्यशाला के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने के लिए बाहर उपदेश देते जरूर सुने गऐ है कि पान गुटखा तम्बाकू नही खाना चाहिए इससे कैसर जैसे जानलेवा बीमारिया हो सकती है , लोगो का कहना है कि चौधरी साहब का नशा मुक्त अभियान अस्पताल परिसर के आसपास क्यो नही चलता ,जिससे सन्देश भी अच्छा जाऐगा और लोग डरेगे भी ।
अस्पताल से सुविधाए गायब
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100 बिस्तरा अस्पताल मे असुविधा का अम्बार लगा हुआ है बेड से चद्दर गायब कमरे से ऐ सी और कूलर गायब ऐक्स रे रूम से डाक्टर गायब गन्दगी साफ करने वाले वर्कर गायब इन्जेक्शन लगाने वाली नर्स गायब और तो और ड्युटी मे तैनात एकाध डाक्टरो को छोड कर वो भी गायब रहते है ! बार्डब्वाय तक उपलब्ध नही रहते और हमारे बीयमओ साहब खुद भी गायब ! कोई गंम्भीर मरीज अचानक आजाऐ तो पहले 1 घन्टे डाक्टर को ढूडना पडता है तब जाकर इलाज शुरू हो पाता है बच गया तो ठीक नही तो जय सियाराम !
चारो तरफ गन्दगी का जखीरा
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अस्पताल के गेट से लेकर दूसरे तीसरे मंजिल तक गन्दगी आपका पीछा नही छोडेगी टायलेट के कमरे सहित दीवाल और फर्स गन्दगी से बजबजा रहे है पान गुटखा तम्बाकू के पीक के छीटे आपको दीवालो मे दिख जाऐगे कही भी बैठने लायक जगह नही मिलेगी कूड़ेदान मे महीनो से भरी गंन्दगी बया कर रही है कि अस्पताल खुद भी बीमार पडा हुआ है नाशजाने कब तक मे ठीक हो पाऐगा ।
अस्पताल के बजाय कमरे से संचालन
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मरीजो और उनके परिजनो का आरोप है कि बीयमओ चौधरी खुद भी अस्पताल मे नही बैठते
जिससे बीमार मरीज मजबूर होकर डाक्टर से मिलने उनके कमरे मे जाते है जहा 3 सौ से 5 सौ रुपये तक फीस के नाम पर देना पडता है और फिर लिख दी जाती है दर्जन भर जाच और सेटिंग वाली पैथोलॉजी मे भेज दिया जाता है जहा मरीज के पैसे की बेधड़क लूट हो रही है अस्पताल के जाच केन्द्रो मे ताला ही लटकता रहता है ।
अवैध पैथालाजियो की भरमार
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वैसे तो समूचे छेत्र अंन्तर्गत सैकड़ो पैथोलॉजी अवैध रूप से संचालित है लेकिन अकेले ब्यौहारी मे अस्पताल के अगल बगल दर्जनो नामचीन कारोबारियो ने पैथोलॉजी खोल रखा है
जहा बैठे जांचकर्ता योग्य प्रशिक्षित नही है नाही
वैधानिक दस्तावेज है लेकिन वो दो मिनट मे आपकी मलेरिया टाईफाइट यूरेन ब्लड से
लेकर पूरी जाच का ना सिर्फ दंम्भ भर रहे है बल्कि लिखकर दे देते है और बिना बिना प्रमाणित किऐ ही डाक्टर साहब दवा भी लिख रहे है उपयोग कर्ता मरीज जब ठीक नही होता तो दूसरी पैथोलॉजी से जाच कराता है तब दूसरी रिपोट आती है फिर दूसरे मर्ज की दवाई होती है तब तक मे मरीज की स्थिति नाजुक और बेहद खराब हो जाती है ।
झोलाछाप डाक्टर ढा रहे कहर
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क्षेत्रीय लोगो की माने तो गाव गाव झोलाछाप डाक्टरो की बाढ सी आ गई है जो लोगो की लाचारी का फायदा उठाकर गरीबो को गुमराह कर औने पौने दामो मे ही इलाज कर रहे है एकाध बार तो मरीज ठीक भी हो जाते है लेकिन कई बार वो यमपुरी भी सिधार रहे है जिन्हे देखने वाला कोई नही है ।
प्रचार प्रसार और कार्यवाही की दरकार
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लोगो का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रो मे अभी भी अनपढ और अशिक्षित लोगो का जमावड़ा है जो दवाइयो के बजाए झाड फूक और तंत्र विद्या मे ज्यादा भरोसा करते है उन्हे आज भी अस्पताल और डाक्टरो पर भरोसा नही है सरकारी वाहन भी आसानी से उपलब्ध नही हो पाते यही कारण है कि वो अपना प्राण संकट मे डालकर झोला छाप डाक्टरो से ही इलाज कराने मजबूर है सरकारी अमला बबंण्डर के वजाऐ यदि ग्रामीण क्षेत्रो मे ब्यापक प्रचार प्रसार और जन जागरुकता अभियान चलाये और झोलाछाप डाक्टरो पर कडी कार्रवाई करे तो हालात सुधर सकते है ।
इनका कहना है
अब डाक्टर राजेश मिश्राजी नऐ सीयमयचओ हो गए है आप उनको बताइऐ ।
( डाक्टर ऐ0 के0 लाल तत्कालीन सीयमयचओ)
बीयमओ ओमप्रकाश चौधरी को फोन लगाया लेकिन लगातार ब्यस्त रहा जिससे संम्पर्क नही हो पाया ।
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