
कुशीनगर के बुद्ध पीजी कॉलेज में भारत नेपाल मैत्री महोत्सव का हुआ आयोजन
मैत्री महोत्सव मे दिखी भारत-नेपाल की सभ्यता और संस्कृति की झलक
INDIA NEWS DARPAN:-ब्यूरो चीफ सरफराज अली
कुशीनगर। नेपाल राष्ट्रीय सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमराज पौंडेल ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। नेपाल के सिद्धिनाथ से गोरखनाथ तक साइकिल यात्रा का शुभारंभ हुआ है। भारत नेपाल की मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसे है। उन्होंने कहा कि लुंबिनी से कुशीनगर को भी जोड़ने का काम किया जा रहा हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमराज पौंडेल शुक्रवार को कुशीनगर में थे। वह संस्कृति-पर्यटन विभाग उप्र एवं स्थानीय जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बुद्ध पीजी कॉलेज में आयोजित भारत- नेपाल मैत्री महोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत नेपाल मैत्री महोत्सव स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो रहा है। आठ जिलों में होने वाले महोत्सव का तीसरा पड़ाव महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर है। कहना ना होगा कि सांस्कृतिक यात्रा सिद्धार्थनगर से आरंभ होकर महराजगंज से कुशीनगर होते हुए अन्य जनपदों में जाकर संपन्न होगी।
मैत्री महोत्सव का उद्देश्य युवा पीढ़ी एवं विद्यार्थियों के बीच प्रदेश की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने एवं देश प्रेम की भावना प्रवाहित करना है। महोत्सव का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रोफेसर विनोद मोहन मिश्र ने कहा कि भारत के लोगों का नेपाल में सम्मान बढ़ा है। खुली सीमा से भारत और नेपाल के बीच लोगों का आवागमन होता है। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के निदेशक डा. राकेश सिंह ने कहा कि भारत नेपाल का संबंध अनादिकाल से है। राम और बुद्ध का जीवन दर्शन दोनों देशों के बीच संबंधों को जोड़ता है, सांस्कृतिक समृद्धता से संबध प्रगाढ़ होंगे। डा. कौस्तुभ नारायण मिश्र ने कहा कि भारत हमेशा नेपाल को खड़ा किया है। भारत नेपाल के संबंध ब्रिटिश और चीन को अलग कर देखना चाहिए। बुद्ध पीजी कालेज के प्रबंध समिति के सचिव वीरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि भारत नेपाल मैत्री महोत्सव संबंधों को मजबूत करने में कारगर सिद्ध होगा। नगर पालिका परिषद कुशीनगर के ईओ शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा की भारत की सदियों से नेपाल के बीच यात्रा होती रही है। उन्होंने अपने विमोचित पुस्तक ‘डाकिनियों के देश’ की विशिष्टता पर प्रकाश डाला। डा. निगम मौर्य ने कहा कि भारत नेपाल के संबंध इस मायने में अद्वितीय है कि दूसरे देशों की तरह हमारे आपसी संबंध भौगोलिक और राजनीतिक कारणों से निर्धारित नहीं होते हैं। हमारे संबंधों का आधार सदियों पुराने सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सेतु पर टिका हुआ है। हमारे आराध्य देव श्री राम की अर्धांगिनी मां जानकी की जन्मभूमि जनकपुर है।
नगरपालिका चेयरमैन प्रतिनिधि राकेश जायसवाल ने कहा कि कुशीनगर की पहचान विश्वभर में भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में है। तथागत बुद्ध के जीवन के चार प्रमुख स्थलों में से एक उनका जन्मस्थान नेपाल के लुंबिनी में है। प्रधान गोरक्षपीठ के खिचड़ी पर्व पर प्रथम चढ़ावा नेपाल के राजवंश से ही आता है। भारत और नेपाल की सीमाएं खुली हुई है। यहां से हमारे संबंध रोजी-रोटी और बेटी का है। यही हमारे संबंधों का मुख्य आधार है। यह सदियों से है और आगे भी अक्षुण्ण रहेगा। कार्यक्रम का संचालन सुनील शुक्ल ने किया।
इस मौके पर लुंबिनी विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप गुप्ता, हिंदू परिषद नेपाल के केंद्रीय प्रवक्ता ओमकार पांडेय, भिक्षु नंदरतन, संस्कार भारती जिलाध्यक्ष डा. अनिल कुमार सिन्हा, पर्यटन सूचना अधिकारी डा. प्राण रंजन, डा. गौरव तिवारी, सभासद केशव सिंह, दिनेश तिवारी, डा. संजय सिंह, राजू मद्धेशिया, बीडीओ प्रभारी राकेश कुमार, तेज प्रताप शुक्ला, डा. राकेश सोनकर, डा. ज्ञानेश सिंह समेत गण्यमान्य लोग मौजूद थे।
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