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अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन के अस्थाई राष्ट्रीय सचिव ने किया अपने ही संगठन के साथ दो लाख की ठगी

संवाददाता इंडिया न्यूज दर्पण जितेन्द्र शर्मा मिल्कीपुर अयोध्या

अयोध्या। मात्र शिकायत पर ही संगठन के संस्थापक समेत तमाम खाते सायबर क्राइम सुरेंद्र नगर (गुजरात) ने बिना सोचे समझे किया फ्रीज सायबर क्राइम थाना सुरेंद्र नगर (गुजरात) की कार्यशैली पर सवालिया निशान, निर्दोषों को किया जा रहा है परेशान अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन जो पुलिस के हित में आवाज उठाने में लगा है वही ठगी का शिकार हो गया है। ठगी करने वाला भी कोई और नहीं इसी संगठन का बर्खास्त अस्थायी राष्ट्रीय वरिष्ठ सचिव है, संगठन के संस्थापक/प्रमुख डॉ अंशुमान सिंह “गुड्डू” के अनुसार सुरेंद्र नगर (गुजरात) का निवासी सुरेश पटेल करीब एक साल से संगठन से जुडा है और संगठन के अस्थाई राष्ट्रीय वरिष्ठ सचिव के पद पर कार्य कर रहा था गत एक जनवरी को उसने संगठन के संस्थापक को फोन कर सता धारा धाम गुजरात के महंत विजय बापू का फोन नंबर दिया और कहा कि ये बापू जी हैं संगठन को कुछ दान देना चाहते हैं आप बात कर लीजिए संस्थापक डॉ अंशुमान सिंह ने जब सुरेश पटेल द्वारा दिए गए नंबर पर बात करते हुए खुद का परिचय दिया गया तो उधर से जवाब मिला हां सुरेश पटेल से बात हुई है जो कुछ मुझे देना है मै सुरेश पटेल के एकाउंट पर भेज दूंगा। इसके बाद 5 जनवरी को पुनः सुरेश पटेल का फोन संस्थापक के पास आता है और दो लाख रुपए की चंदा की रसीद काटकर विजय बापू व खुद के मोबाइल पर भेजने को कहता है संस्थापक द्वारा चंदा रसीद काटकर दोनों को जरिए व्हाट्सएप मुहैया कराया जाता है इसके बाद 5 जनवरी को ही विजय बापू द्वारा सुरेश पटेल के बैंक खाते में एक लाख रुपये जमा किये जाते हैं और सुरेश पटेल संस्थापक के खाते में कुल 40 हजार रुपये भेजता है संस्थापक द्वारा जब सुरेश पटेल से वार्ता की जाती है तो ओ दो दिन का समय मांगता है कारण स्वास्थ्य ठीक न होना बताता है, इसके बाद पुनः 9 जनवरी को विजय बापू द्वारा सुरेश पटेल के खाते में एक लाख रुपये जमा किया जाता है तो सुरेश पटेल पुनः संस्थापक के खाते में 45 हजार रुपये जमा करता है। और उसी रात से उक्त सुरेश पटेल अभद्रता करते हुए संस्थापक से 85 हजार रुपये मांगने लगता है रात अधिक होने के कारण सुरेश पटेल का फोन संस्थापक द्वारा काट दिया जाता है फिर 13 जनवरी तक दोनों पक्षों में फोन पर बहस होती है और 14 जनवरी को संस्थापक द्वारा सुरेश पटेल को संगठन से बर्खास्त करने का निर्देश संगठन के महासचिव दिलीप कुमार सिंह को दिया जाता है और सुरेश पटेल अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन से बर्खास्त हो जाता है। इसके बाद 15 जनवरी को सुरेश पटेल सुरेंद्र नगर सायबर थाने में संस्थापक के विरुद्ध शिकायत करता है और और सुरेंद्र नगर सायबर थाने द्वारा संगठन के संस्थापक डॉ अंशुमान सिंह, महासचिव दिलीप कुमार सिंह व राष्ट्रीय अध्यक्ष सदस्यता अभियान/ अनुदान प्राप्त देवेश शर्मा का एकाउंट फ्रीज कर दिया गया। सभी अपना फोन पे, गूगल पे न चलता देख हक्का बक्का हो गए इसके बाद सुरेश पटेल ही इन सबको फोन करके सूचना और धमकी देता है साथ ही मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सुरेश पटेल खुद का शिष्य तो प्रधानमंत्री मोदी का सहपाठी बताता है और संगठन के सभी पदाधिकारियों को अनेकों ऐसी धमकियाँ देता है जिससे सभी सदमे में आ जाएं। और हुआ भी यही सदस्यता अभियान राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव दिलीप कुमार सिंह तो संतुलन खोए ही करीब तीन दिनों तक किसी का दिमाग काम नहीं कर रहा था कि क्या किया जाए उधर संगठन के संस्थापक दिल के रोगी हैं उनको गहरा शोक हुआ और 24 घंटे में एक बार दवाइयाँ लेना वाला ब्यक्ति तीन बार दवाओं का सेवन करने लगा जिसके बाद 20 जनवरी को संस्थापक के स्वास्थ्य में सुधार आया तो उन्होंने 21 जनवरी को उत्तर प्रदेश के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराया जहाँ 3 फरवरी तक शिकायत लंवित रहने के कारण 3 फरवरी को संस्थापक ने रजिस्टर्ड डाक से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या को शिकायती पत्र भेजा फिर भी सुनवाई नही हुई तो 8 फरवरी को संस्थापक द्वारा माननीय न्यायालय सीजेएम अयोध्या के कोर्ट में सुरेश पटेल के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया जहाँ 22 फरवरी तारीख पेशी नीयत है। उधर संगठन के संस्थापक डॉ अंशुमान सिंह, महासचिव दिलीप कुमार सिंह, सदस्यता अभियान राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेश शर्मा ने जिन लोगों से निजी धन का लेन देन किया था उन सबके एकाउंट आज फ्रीज हो चुके हैं जो दस-बीस रुपए चाय पान मसाला आदि की दुकान करके अपने परिवार का पालन करता हो उसका भी एकाउंट फ्रीज करना ये न्याय नहीं अन्याय है अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन के संस्थापक का कहना है कि सायबर क्राइम थाना सुरेंद्र नगर (गुजरात) सुरेश पटेल का गुलाम है क्योंकि कि सुरेश पटेल खुद कहता है कि उसका भाई सुरेंद्र नगर सायबर थाने में है। तो जाहिर सी बात है कि सायबर थाना सुरेंद्र नगर रिस्तेदारी निभा रहा है उसे न्याय अन्याय से मतलब नहीं है उसका आम लोगों को नाजायज परेशान करना ही मुख्य उद्देश्य है। फिर जब अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन के चंदे की रसीद सुरेश पटेल द्वारा विजय बापू के नाम से कटवाया गया है तो अनुदान का धन तो संगठन का हुआ उसमें सुरेश पटेल का कोई अधिकार नहीं बनता, फिलहाल अब मामला न्यायालय व सायबर थाना सुरेंद्र नगर में है लेकिन अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन ही नहीं संगठन के पदाधिकारियों तथा उन सभी लोगों के साथ घोर अन्याय हो रहा है जिनके एकाउंट सुरेंद्र नगर सायबर थाने के पुलिस ने फ्रीज किया है। फिलहाल इतना तो विश्वास है कि न्यायालय में न्याय होगा समय लगेगा लेकिन अब जिन लोगों के बैंक एकाउंट फ्रीज हैं क्या उनका हर्जाना सुरेश पटेल व सायबर क्राइम थाना सुरेंद्र नगर भरेगा फिलहाल इस मामले को भी संगठन न्यायालय में दाखिल करेगा क्यों की संगठन की छवि भी गुजरात ही नहीं अन्य राज्यों में भी खराब हुई है,ये भी स्वयं संस्थापक ने कहा है।अखिल भारतीय पुलिस सहयोग संगठन मामूली नहीं बडा संगठन है और देश के 16 राज्यों में हाबी है तो जाहिर सी बात है जो ब्यक्ति इतना बड़ा संगठन चलाता हो वह अपनी व संगठन की छवि धूमिल होने पर कुछ भी कर सकता है, जो ब्यक्ति जमीनी स्तर से काम करके एक संगठन को 16 राज्यों में खडा कर अपनी पहचान देश भर में बना चुका है और आज नाजायज रुप से उसे परेशान कर उसकी छवि को खराब किया जा रहा है तो वह आखिर चुप कैसे बैठेगा। उधर नौ फरवरी को रात में संगठन के संस्थापक के फोन पर मैसेज आता है कि आपकी आईजीआरएस शिकायत संख्या-40017724003279 का निस्तारण कर दिया गया है तो जनसुनवाई पोर्टल पर संस्थापक डॉ अंशुमान सिंह ने तुरंत फीड बैक दिया और लिखा कि मैं पूर्णतया असंतुष्ट हूँ और यदि न्याय नहीं हुआ तो एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के आवास के सामने आत्मदाह करूँगा। इसकी भनक डॉ अंशुमान सिंह के परिवार को भी लग गई और अब पूरा परिवार डॉ अंशुमान सिंह की निगरानी में लगा रहता है। उधर डॉ अंशुमान सिंह के अधिवक्ता ने उन्हें न्याय दिलाने का पूरा दिलाया फिलहाल ऊंट किस करवट बैठेगा अभी पता नहीं है।

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