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जीने लायक वेतन दो,हमारा शोषण बंद करो

जीने लायक वेतन दो,हमारा शोषण बंद करो
आशा ऊषा पर्यवेक्षकों की अनिश्चितकालीन काम बंद हडताल

प्रदेश में मातृ मृत्यु को रोकने से लेकर महामारियों के रोकथाम एवं आमजनता की स्वास्थ्य की रक्षा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से काम कर रही आशा ऊषा पर्यवेक्षकों ने शोषणा के खिलाफ, जीने लायक वेतन की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हडताल शुरू की। हडताल के पहले दिन से ही प्रदेश भर में आशा ऊषा पर्यवेक्षकों ने काम बंद कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया एवं जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
मुख्मंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में आशा ऊषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने 24 जून 2021 को मिशन संचालक द्वारा दिये गये निर्णय को लागू कर आशा को 10,000 एवं पर्यवेक्षकों को 15,000 रुपये निश्चित वेतन दे कर तत्काल राहत पहुंचाने, आशा ऊषा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित करने, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये करने, भविष्य निधि, ई.एस. आई.,ग्रेच्युटी,पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की मुख्य मांग के अलावा आशाओं के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोकने, अब तक काटी गयी सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान करने, आशाओं के द्वारा की गयी कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी,डी पी टी बूस्टर वैक्सीन,एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी कामों का बकाया प्रोत्साहन राशियों का भुगतान करने, प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु ठोस उपाय करने, विभाग द्वारा निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नही कराने पर रोक लगाने, आशाओं की सभी मीटिंगों एवं पर्यवेक्षकों के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान करने, आशा एवं पर्यवेक्षको को वेतन सहित 20 आकस्मिक अवकाश देने एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाने,कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधायें देने, बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर रोक लगाने, निष्क्रिय बताकर आशाओं की सेवा समाप्ति को रोकने, जबरन अनुचित तरीके से सेवा समाप्त की गयी सभी सक्रिय आशाओं को बहाल करने, पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किये बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न करने, ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सभी पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त ‘आशा रूम उपलब्ध कराने, पीओएसएच कानून लागू करने एवं शिकायतों पर कार्यवाही सुनिश्चित करने, श्रम संहिताओं को वापस लेने, आशा एवं र्पवेक्षकों को श्रम कानूनों के दायरे में शामिल करने, स्वास्थ्य के लिये सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत राशि आवंटित करने,स्वास्थ्य सेवाओं (सरकारी अस्पतालों) सहित सभी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण को रोकने की मांग शामिल है।
प्रदेश में 46 जिलों में आशा ऊषा पर्यवेक्षकों का काम बंद हडताल और प्रदर्शन चल रहा है।
म.प्र.आशा/आशा सहयोगीनी श्रमिक संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन जिला चिकित्सालय परिसर मुरैना में 15 मार्च से अभी भी लगातार जारी है।प्रदर्शन का नेतृत्व ममता राजावत प्रदेश महामंत्री ने किया.

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